कहते है कि शेक्सपीयर के हेनरी चतुर्थ को अनिद्रा की शिकायत थी | उसका कहना था | "जो मुकुट धारण करता है उसके मस्तिक में अशांति व्याप्त रहती है " अनिद्रा के रोगियों को सात श्रणियो मे विभाजित किया जाता है पहली और सबसे बड़ी श्रेणी के लोग "अनिद्रनिरेक " के शिकार होते है- ऐसे व्यक्ति जो रात्रि मे जागते रहते है, जिन्हें नीद नहीं आ पति है या एक बार यदि नीद मे बाधा पड़ जाती है तो वे पुनः सो नहीं पाते | दूसरी श्रणी ऐसे रोगियों कि है जो शराब पीते है नीद की गोलियों का प्रयोग करते है या इसी प्रकार की अन्य ओषधियो का प्रयोग करते है तीसरी श्रेणी के रोगी बचपन से ही नीद की गडबडी शिकायत से परेशान होते है चौथी श्रेणी के रोगी तीव्र विषाद या चिंता से ग्रस्त होते है पाँचवी श्रेणी के 'निद्रापरमार' के शिकार होते है- ऐसे रोगी खूब सोना पसंद करते है और हर समय सोते रहते है | चाहे वे कुछ भी कर रहे हों और कोई भी समय हो, सब सोना ही चाहते है | छठी श्रेणी के रोगियों को नीद मे साँस कि गड़बड़ी के करण निरंतर व्यवधान पहुचता है | सातवी श्रेणी के रोगियों को निद्रा मे चलने सोते समय दन्त चबाने या मांस-पेशी-संचालन कि बीमारी होती है|
- रोगियों को निद्रकारी ओषधियो के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए | अन्य उपयो से इन रोगों पर काबू पाया जा सकता है यथा रोगी कि सायकाल काँफी का सेवन करने के निरुत्साहित किया जाना चाहिए इन्हें नियमित व्यायाम और समय पर सोने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए | साथ ही इन्हें दोपहर के समय से रोकना चाहिए | मांस-पेशियों को आराम पहुचाने वाली तकनीको ओर तंद्रा वाले तथा आराम पंहुचाने वाले व्यायाम सिखना चाहिए |
चिकत्सा -काल में अनेक अनिद्रा के रोगियों को देखने के बाद एक विशेषता मिली हैं की अनिद्रा के रोगी सोते समय सोचते ज्यादा हैं , इसलिए नीद नहीं आती | होम्योपैथिक दवा केल्केरिया कार्ब २०० से अधिकतर रोगियों को नींद आने लगती हैं
नाम स्मरण - सोते समय भगवान का नाम स्मरण करते रहै | इससे नीद अच्छी और ताजगी देने वाली आती हैं
मालिश - सोने से पहले गर्दन रीढ़ की हड्डी और कंधो की मालिश अच्छी तरह दबा कर लगातार दस मिनट करें | रीद की हड्डी पर नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे दोनों ओर मालिश करें | सोने से पहले टहलें | पेशाब करके सोये | इससे अच्छी नींद आती हैं | यदि सोते ही तुरंत नींद नहीं आये तो कुछ भी विचार , चिंता नहीं करें | यह विश्राम का अच्छा अवसर होता हैं | विश्राम के बाद अच्छी नींद आती हैं |
सोने का समय निश्चित रखे | समय पर नहीं सोने से बाद में नींद नहीं आती | जब नींद आने लगे तब बिस्तर पर अकेले सोये | सोते समय श्वास पर ध्यान रहते हुए उलटी गिनती जैसे १०० ,९९ ,९८, गिने |
निम्न खाद्य पदार्ध के सेवन से नींद आने लगती हैं
(1) सेव का मुरब्बा खाने से
(2) गाजर का रस पीने से
प्याज़ - यदि नींद नहीं आती हो तो कच्चा प्याज या पकाया हुआ प्याज या गरम राख में प्याज सेक कर इसका रस चार चम्मच पीये इससे नींद अच्छी आये गी |
सरसों का तेल - भावप्रकाश में लिखा हैं की पैरों के तलवों में तेल की मालिश करने से उनमे स्थिरता रहती हैं नींद गहरी आती हैं
सौंफ - 10 ग्राम सौंफ आधा किलो पानी में उबले , चौथाई पानी रहने पर छानकर 250 ग्राम दूध और 15 ग्राम घी तथा स्वादानुसार चीनी मिला कर सोते समय पिलाये |
आम - रात को आम खावे व दूध पीवे इससे नींद अच्छी आती हैं |
गाजर - गाजर में संतुलित भोजन के तत्व होते हैं | इससे अनिन्द्र रोग दूर हो जाता हैं | नित्य एक गिलास गाजर का रास पिये |
करमकल्ला - नींद की कमी में करमकल्ला लाभदायक हैं | इसकी सब्जी घी से छौक कर खाये |
दूध (1) - रात को सोते समय दूध से बना मावा या खोवा 50 ग्राम खाने से नींद अच्छी आती हैं |
(2 ) - रात्रि को सोते समय एक गिलास दूध में शक्कर व एक चम्मच घी मिलकर पिये | नींद शीघ्र आएगी |
जायफल - इसे पानी या घी में घिस कर पलकों पर लगने से नींद शीघ्र आ जाती हैं |
चाय - अनिद्र के रोगी को चाय हानिकारक होती हैं , रात्रि में पिने से नींद नहीं आती हैं |
धनियाँ - नींद कम आने पर हरा धनियाँ पीसकर चीनी और पानी मिलकर पिये | इससे अच्छी नींद आती हैं आंखो के आगे अंधेरा आने और सिर-दर्द बंद हो जाती हैं |
दही - दही में पिसी हुई काली मिर्च,सौंफ तथा चीनी मिला कर खाने से नींद आ जाएगी |
शहद - निम्बू का रस और शहद 1-1 चम्मच मिलकर रात को ये दो चम्मच पिने नींद आ जाती हैं नींद खुल जाने पर दो चम्मच पीने से नींद फिर आ जाती हैं | नींबू न हो तो पानी के गिलास में ही शहद की दो चम्मच डालकर पीने से नींद आ जाती हैं |
पानी - नींद न आने पर सोने से पहले 10 मिनट तक गर्म पानी में पिंडलियों तक दोनों पैर रखने चाहिए | इसे उष्ण-पाद-स्नान कहते हैं यदि चककर आते हो तो सिर पर गिला रुमाल रखना चाहिए | गर्मियों में ठन्डे पानी से पैर धोकर सोने से निंद अच्छी आती हैं

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ReplyDeleteGood good good good good good good good good good good good good good
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