Friday, May 8, 2020

अनार्तव ( AMENORRHOEA )






मासिक- धर्म का न होनी अनार्तव कहलाता हैं | मिसिक-धर्म न होने के अनेक कारण हैं | स्थानीय जाननंगो के रोग,बच्चेदानी का न होना, प्रजनन अंगों व अन्य आंतरिक अंगो का विकास न होना, शरीर के विभिन्न हर्मिंस में तालमें न बैठना |  बच्चा होने के बाद कुछ महीनो तक भी मिसिक धर्म प्राय बंद रहती हैं | रक्ताल्पता, मानसिक आद्यात , मानसिक विचारों  का भार , मासिक धर्म के पूर्व व पश्चात ठंड लगना, पानी से भीगना आदि करने से अनार्तव होता हैं  अनार्तव के प्राकृतिक कारण हैं गर्भावस्था  काल ,शिशु का स्तनपान आदि | चिकित्सा करते समय सर्वप्रथम कारणों को दूर करें |

मूली - मूली के बीज, गाजर के बीज और दाना मेथी तीनों  समान मात्रा में पीस ,छानकर दो चम्मच गर्म पानी से फंकी दें | बंद मासिक-धर्म खुलकर आयेगा |

तिल - काले तिल  और गुड़  हरेक 15  ग्राम मिलकर दो कप पानी में उबालकर छान ले | ठंडा होने पर नित्य पियें  |  कुछ दिन पीते  रहने से बंद हुआ मासिक-स्राव आरंभ हो जायेगा |

नमक - ठण्डी  हवा या पानी में काम करने से मासिक-धर्म  नहीं आ रहा हो तो दो-दो ग्राम नामक गर्म  पानी से दिन में तीन बार लें | मासिक-धर्म  आने लगेंगा |

तुलसी - मासिक धर्म रुकने पर तुलसी के बीच एक, चम्मच एक गिलास पानी में उबालकर कर आधा पानी  रहने पर, पीने से मासिक धर्म आने लगता हैं |

नीम- 50 नीम की कोपलों  को एक गिलास  पनी में उबाले | आधा पानी रहने पर छानकर पिलाने से मासिक-धर्म चालू हो जाते हैं




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