Monday, May 11, 2020

अपच (DYSPEPSIA)


( Dys-Hard, Pepsin=Digest )


अपच या खाना न पचने पर खाद्य प्रणाली के अंग में दर्द होता है, गैस भरती है, जिससे भारीपन, बेचैनी, जी मिचलाना , वमन आदि होते हैं,  अग्नि माड्य अपच, अजीर्ण, बदहजमी सभी का अर्थ खान न पचना है |  बदहजमी के दस्तो को संग्रहणी कहते है |

नींबू -  (1) अपच होने पर नींबू की फाँक पर नामक डाल कर  गर्म करके चूसने पर, खाना सरलता से पाच जाता है यकृत के रोगी में नीबू लाभदायक है |

(2) भूख ना लगे, अजीर्ण हो, खट्टी डकार आती हो तो एक नींबू आधा गिलास पानी में निचोड़ कर शक्कर मिलाकर नित्य पिएं इससे लाभ होगा |

(3) एक नींबू, नमक, अदरक का रस एक चम्मच, एक गिलास पानी में मिलाकर पिये | 

अमरूद - अपच, अग्निमांद्य और आफरा के लिए अमरूद उत्तम औषधि है |  इस रोग वालो को 250 ग्राम अमरूद खाना खाने के बाद खाना चाहिए |  अन्य लोगों को खाने से पहले खाना चाहिए |

 फूलगोभी - गाजर का रस और फूलगोभी का रस समान मात्रा में मिलाकर पीते रहने से जोड़ो और हड्डियों का दर्द, अपच, आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |

बथवा - बथवा का रास पिये | सब्जी खाये | इससे पेट के हर प्रकार के रोग यकृत , तिल्ली अजीर्ण, गैस कृमि ,अर्श , (Piles) पथरी ठीक हो जाती हैं |







Sunday, May 10, 2020

अनिद्रा (Insomnia)


सौंफ - जिसे निंद्रा अधिक आये , हर समय नींद,सुस्ती रहे, उसे 10 ग्राम सौंफ को आधा किलो पानी में उबालकर चोथाई रहने पर थोड़ा-सा नमक मिलाकर सुबह, शाम 5 दिन पिलाये इससे नींद कम आएगी |



लाल मिर्च - होम्योपैथी में लाल मिर्च से बनी ओषधि कैप्सिकम एनम है |  इसके मदर टियर की 5 - 5 बूंद ,सुबह, शाम एक चम्मच पानी में मिलाकर पिलाये |  इससे अधिक नींद नहीं आयेगी |


Friday, May 8, 2020

अनार्तव ( AMENORRHOEA )






मासिक- धर्म का न होनी अनार्तव कहलाता हैं | मिसिक-धर्म न होने के अनेक कारण हैं | स्थानीय जाननंगो के रोग,बच्चेदानी का न होना, प्रजनन अंगों व अन्य आंतरिक अंगो का विकास न होना, शरीर के विभिन्न हर्मिंस में तालमें न बैठना |  बच्चा होने के बाद कुछ महीनो तक भी मिसिक धर्म प्राय बंद रहती हैं | रक्ताल्पता, मानसिक आद्यात , मानसिक विचारों  का भार , मासिक धर्म के पूर्व व पश्चात ठंड लगना, पानी से भीगना आदि करने से अनार्तव होता हैं  अनार्तव के प्राकृतिक कारण हैं गर्भावस्था  काल ,शिशु का स्तनपान आदि | चिकित्सा करते समय सर्वप्रथम कारणों को दूर करें |

मूली - मूली के बीज, गाजर के बीज और दाना मेथी तीनों  समान मात्रा में पीस ,छानकर दो चम्मच गर्म पानी से फंकी दें | बंद मासिक-धर्म खुलकर आयेगा |

तिल - काले तिल  और गुड़  हरेक 15  ग्राम मिलकर दो कप पानी में उबालकर छान ले | ठंडा होने पर नित्य पियें  |  कुछ दिन पीते  रहने से बंद हुआ मासिक-स्राव आरंभ हो जायेगा |

नमक - ठण्डी  हवा या पानी में काम करने से मासिक-धर्म  नहीं आ रहा हो तो दो-दो ग्राम नामक गर्म  पानी से दिन में तीन बार लें | मासिक-धर्म  आने लगेंगा |

तुलसी - मासिक धर्म रुकने पर तुलसी के बीच एक, चम्मच एक गिलास पानी में उबालकर कर आधा पानी  रहने पर, पीने से मासिक धर्म आने लगता हैं |

नीम- 50 नीम की कोपलों  को एक गिलास  पनी में उबाले | आधा पानी रहने पर छानकर पिलाने से मासिक-धर्म चालू हो जाते हैं




Thursday, May 7, 2020

अतिनिद्रा


कहते है कि शेक्सपीयर के हेनरी चतुर्थ को अनिद्रा की शिकायत थी | उसका कहना था | "जो मुकुट धारण करता है उसके मस्तिक में अशांति व्याप्त रहती है " अनिद्रा के रोगियों को सात श्रणियो मे विभाजित किया जाता है पहली और सबसे बड़ी श्रेणी के लोग "अनिद्रनिरेक " के शिकार होते है- ऐसे व्यक्ति जो रात्रि मे जागते रहते है, जिन्हें  नीद नहीं आ पति है या एक बार यदि नीद मे बाधा पड़ जाती है तो वे पुनः सो नहीं पाते | दूसरी श्रणी ऐसे रोगियों कि है जो शराब पीते है नीद की गोलियों का प्रयोग करते है या इसी प्रकार की अन्य ओषधियो का प्रयोग करते है तीसरी श्रेणी के रोगी बचपन से ही नीद की गडबडी शिकायत से परेशान होते है चौथी श्रेणी के रोगी तीव्र विषाद या चिंता से ग्रस्त होते है पाँचवी श्रेणी के 'निद्रापरमार' के शिकार होते है- ऐसे रोगी खूब सोना पसंद करते है और हर समय सोते रहते है | चाहे वे कुछ भी कर रहे हों और कोई भी समय हो, सब सोना ही चाहते है | छठी श्रेणी के रोगियों को नीद मे साँस कि गड़बड़ी के करण निरंतर व्यवधान पहुचता है | सातवी श्रेणी के रोगियों को निद्रा मे चलने सोते समय दन्त चबाने या मांस-पेशी-संचालन कि बीमारी होती है|


  • रोगियों को निद्रकारी ओषधियो के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए | अन्य उपयो से इन रोगों पर काबू पाया जा सकता है यथा रोगी कि सायकाल काँफी का सेवन करने के निरुत्साहित किया जाना चाहिए  इन्हें नियमित व्यायाम और समय पर सोने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए  | साथ ही इन्हें दोपहर के समय से रोकना चाहिए | मांस-पेशियों को आराम पहुचाने वाली तकनीको ओर तंद्रा वाले तथा आराम पंहुचाने वाले व्यायाम सिखना चाहिए |


चिकत्सा -काल  में अनेक अनिद्रा के रोगियों  को देखने के बाद एक विशेषता मिली हैं की अनिद्रा के रोगी सोते समय सोचते ज्यादा हैं , इसलिए नीद नहीं आती | होम्योपैथिक दवा केल्केरिया कार्ब  २००  से अधिकतर रोगियों को नींद  आने लगती हैं

नाम स्मरण - सोते समय भगवान का नाम स्मरण करते रहै |  इससे नीद अच्छी और ताजगी देने वाली आती हैं

मालिश - सोने से पहले गर्दन रीढ़ की हड्डी और कंधो की मालिश अच्छी तरह दबा कर लगातार दस मिनट  करें | रीद की हड्डी पर नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे दोनों ओर मालिश करें | सोने से पहले टहलें | पेशाब करके सोये | इससे अच्छी नींद  आती हैं | यदि सोते ही तुरंत नींद  नहीं आये तो कुछ भी विचार , चिंता नहीं करें | यह विश्राम का अच्छा अवसर होता हैं | विश्राम के बाद अच्छी नींद  आती हैं |
सोने का समय निश्चित रखे | समय पर नहीं सोने से बाद में नींद नहीं आती | जब नींद आने लगे तब बिस्तर पर अकेले सोये | सोते समय श्वास पर ध्यान रहते हुए उलटी गिनती जैसे १०० ,९९ ,९८, गिने |


निम्न खाद्य  पदार्ध के सेवन से नींद  आने लगती हैं

(1) सेव का मुरब्बा खाने से
(2) गाजर का रस  पीने  से

प्याज़  - यदि नींद नहीं आती हो तो कच्चा प्याज  या पकाया हुआ प्याज या गरम  राख  में प्याज सेक कर इसका रस  चार चम्मच पीये इससे नींद अच्छी आये गी |

सरसों का तेल - भावप्रकाश में लिखा हैं की पैरों  के तलवों  में तेल की मालिश करने से उनमे स्थिरता रहती हैं नींद  गहरी आती हैं

सौंफ - 10 ग्राम सौंफ आधा किलो पानी में उबले , चौथाई पानी रहने पर छानकर 250  ग्राम दूध और 15 ग्राम घी तथा स्वादानुसार चीनी मिला कर सोते समय पिलाये |

आम - रात को आम खावे व दूध पीवे इससे नींद अच्छी आती हैं |

गाजर - गाजर में संतुलित भोजन के तत्व होते हैं | इससे अनिन्द्र रोग दूर हो जाता हैं | नित्य एक गिलास गाजर का रास पिये |

करमकल्ला - नींद  की कमी में करमकल्ला लाभदायक हैं | इसकी सब्जी घी  से छौक कर खाये |

दूध (1) - रात को सोते समय दूध से बना मावा या खोवा 50 ग्राम खाने से नींद अच्छी आती हैं |
      (2 ) -  रात्रि को सोते समय एक गिलास दूध में शक्कर व  एक चम्मच घी  मिलकर पिये | नींद शीघ्र आएगी |

जायफल  - इसे पानी या घी में घिस कर पलकों पर लगने से नींद शीघ्र आ जाती हैं |

चाय - अनिद्र के रोगी को चाय हानिकारक होती हैं , रात्रि में पिने से नींद नहीं आती हैं |

धनियाँ - नींद कम आने पर हरा धनियाँ पीसकर चीनी और पानी मिलकर पिये | इससे अच्छी नींद आती हैं                        आंखो के आगे अंधेरा आने और सिर-दर्द बंद हो जाती हैं |

दही - दही में पिसी हुई काली मिर्च,सौंफ तथा चीनी मिला कर खाने से नींद आ जाएगी |

शहद - निम्बू का रस  और शहद 1-1 चम्मच मिलकर रात को ये दो चम्मच पिने  नींद आ जाती हैं नींद खुल जाने पर दो चम्मच पीने से नींद फिर आ जाती हैं | नींबू  न हो तो पानी के गिलास में ही शहद की दो चम्मच डालकर पीने  से नींद आ जाती हैं |

पानी - नींद न आने पर सोने  से पहले 10  मिनट तक गर्म पानी में पिंडलियों तक दोनों पैर रखने चाहिए | इसे उष्ण-पाद-स्नान कहते हैं यदि चककर आते हो तो सिर  पर गिला रुमाल रखना चाहिए |  गर्मियों में ठन्डे पानी से पैर  धोकर सोने से निंद  अच्छी आती हैं



Wednesday, May 6, 2020

आतिरज (Menorrhagia)


कभी-कभी मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव कई दिन तक होता रहता है वह संधि काल में भी किसी किसी महिलाओं को अत्यधिक रक्तस्राव होता रहता है जब अधिक रक्त स्राव हो रहा हो तो चारपाई के पांवों की ओर के दोनों पहियों के नीचे एक 1 इंच लगाकर पैरों का हिस्सा ऊंचा करके सुलाये तेल मिर्च गरम प्रकृति के पदार्थ खाने में न दे शीतल पेय ले गर्म वातावरण जैसे रसोई घर में काम ना करें |
Sometimes more bleeding occurs for several days in menstruation. During any period of pregnancy, any women continues to have excessive bleeding. When there is excessive bleeding, apply a 1 inch under both the wheels on the side of the legs. Make oil chilli with high part of the feet high, do not eat hot nature foods, do not take soft drinks and do not work in hot environment like kitchen.



                        
अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें एक चम्मच की फंकी ठंडे पानी से लेने से रक्त स्राव बंद हो जाता है
 Grind dried peel of pomegranate and sieve it, taking one spoon of it with cold water stops bleeding.




20 ग्राम धनिया 200 ग्राम पानी में उबालें जब 50 ग्राम पानी रह जाए तो छानकर मिश्री मिलाकर पिला दे इससे मासिक धर्म में अधिक रक्त आना  बंद हो जाता है
 Boil 20 grams of coriander in 200 grams of water, when 50 grams of water remains, filter it and mix it with mishri and give it a drink, it stops excess blood in menstruation.


पिसा हुआ धनिया देसी बूरा तीनों को समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच तीन बार खाने से रक्त गिरना बंद हो जाता है
 Mixing the same amount of ground coriander and grounded coriander together, eating two spoons three times stops blood loss.